साईं कष्ट निवारण मंत्र: विवरण, महत्व और उपयोग

साईं कष्ट निवारण मंत्र एक प्राचीन वैदिक मंत्र है जो मान्यता के अनुसार सभी कष्टों को दूर करने और सुख-शांति को प्राप्त करने की क्षमता रखता है। यह मंत्र साईं बाबा के प्रेमी और भक्तों द्वारा प्रयोग किया जाता है जो उनकी सहायता और आशीर्वाद की खोज में हैं। इस मंत्र का जाप करने से श्रद्धालु को आत्मिक और मानसिक शांति मिलती है और वह अपने जीवन में सभी कष्टों का सामना करने की क्षमता प्राप्त करता है।

Table of Contents

साईं कष्ट निवारण मंत्र – Sai Kasht Nivaran Mantra

साईं कष्ट निवारण मंत्र
साईं कष्ट निवारण मंत्र

शिर्डी साईं बाबा कष्ट निवारण मंत्र

सदगुरू साईं नाथ महाराज की जय

कष्टों की काली छाया दुखदायी है, जीवन में घोर उदासी लायी है l

संकट को तालो साईं दुहाई है, तेरे सिवा न कोई सहाई है l

मेरे मन तेरी मूरत समाई है, हर पल हर शन महिमा गायी है l

घर मेरे कष्टों की आंधी आई है,आपने क्यूँ मेरी सुध भुलाई है l

तुम भोले नाथ हो दया निधान हो,तुम हनुमान हो तुम बलवान हो l

तुम्ही राम और श्याम हो,सारे जग त में तुम सबसे महान हो l

तुम्ही महाकाली तुम्ही माँ शारदे,करता हूँ प्रार्थना भव से तार दे l

तुम्ही मोहमद हो गरीब नवाज़ हो,नानक की बानी में ईसा के साथ हो l

तुम्ही दिगम्बर तुम्ही कबीर हो,हो बुध तुम्ही और महावीर हो l

सारे जगत का तुम्ही आधार हो,निराकार भी और साकार हो l

करता हूँ वंदना प्रेम विशवास से,सुनो साईं अल्लाह के वास्ते l

अधरों पे मेरे नहीं मुस्कान है,घर मेरा बनने लगा शमशान है l

रहम नज़र करो उज्ढ़े वीरान पे,जिंदगी संवरेगी एक वरदान से l

पापों की धुप से तन लगा हारने,आपका यह दास लगा पुकारने l

आपने सदा ही लाज बचाई है,देर न हो जाये मन शंकाई है l

धीरे-धीरे धीरज ही खोता है,मन में बसा विशवास ही रोता है l

मेरी कल्पना साकार कर दो,सूनी जिंदगी में रंग भर दो l

ढोते-ढोते पापों का भार जिंदगी से,मैं गया हार जिंदगी से l

नाथ अवगुण अब तो बिसारो,कष्टों की लहर से आके उबारो l

करता हूँ पाप मैं पापों की खान हूँ,ज्ञानी तुम ज्ञानेश्वर मैं अज्ञान हूँ l

करता हूँ पग-पग पर पापों की भूल मैं,तार दो जीवन ये चरणों की धूल से l

तुमने ऊजरा हुआ घर बसाया,पानी से दीपक भी तुमने जलाया l

तुमने ही शिरडी को धाम बनाया,छोटे से गाँव में स्वर्ग सजाया l

कष्ट पाप श्राप उतारो,प्रेम दया दृष्टि से निहारो l

आपका दास हूँ ऐसे न टालिए,गिरने लगा हूँ साईं संभालिये l

साईजी बालक मैं अनाथ हूँ,तेरे भरोसे रहता दिन रात हूँ l

जैसा भी हूँ , हूँ तो आपका,कीजे निवारण मेरे संताप का l

तू है सवेरा और मैं रात हूँ,मेल नहीं कोई फिर भी साथ हूँ l

साईं मुझसे मुख न मोड़ो,बीच मझधार अकेला न छोड़ो l

आपके चरणों में बसे प्राण है,तेरे वचन मेरे गुरु समान है l

आपकी राहों पे चलता दास है,ख़ुशी नहीं कोई जीवन उदास है l

आंसू की धारा में डूबता किनारा,जिंदगी में दर्द , नहीं गुज़ारा l

लगाया चमन तो फूल खिलायो,फूल खिले है तो खुशबू भी लायो l

कर दो इशारा तो बात बन जाये,जो किस्मत में नहीं वो मिल जाये l

बीता ज़माना यह गाके फ़साना,सरहदे ज़िन्दगी मौत तराना l

देर तो हो गयी है अंधेर ना हो,फ़िक्र मिले लकिन फरेब ना हो l

देके टालो या दामन बचा लो,हिलने लगी रहनुमाई संभालो l

तेरे दम पे अल्लाह की शान है,सूफी संतो का ये बयान है l

गरीबों की झोली में भर दो खजाना,ज़माने के वली करो ना बहाना l

दर के भिखारी है मोहताज है हम,शंहंशाये आलम करो कुछ करम l

तेरे खजाने में अल्लाह की रहमत,तुम सदगुरू साईं हो समरथ l

आये हो धरती पे देने सहारा,करने लगे क्यूँ हमसे किनारा l

जब तक ये ब्रह्मांड रहेगा,साईं तेरा नाम रहेगा l

चाँद सितारे तुम्हे पुकारेंगे,जन्मोजनम हम रास्ता निहारेंगे l

आत्मा बदलेगी चोले हज़ार,हम मिलते रहेंगे बारम्बार l

आपके कदमो में बैठे रहेंगे,दुखड़े दिल के कहते रहेंगे l

आपकी मर्जी है दो या ना दो,हम तो कहेंगे दामन ही भर दो l

तुम हो दाता हम है भिखारी,सुनते नहीं क्यूँ अर्ज़ हमारी l

अच्छा चलो एक बात बता दो,क्या नहीं तुम्हारे पास बता दो l

जो नहीं देना है इनकार कर दो,ख़तम ये आपस की तकरार कर दो l

लौट के खाली चला जायूँगा,फिर भी गुण तेरे गायूँगा l

जब तक काया है तब तक माया है,इसी में दुखो का मूल समाया है l

सबकुछ जान के अनजान हूँ मैं,अल्लाह की तू शान तेरी शान हूँ मैं l

तेरा करम सदा सब पे रहेगा,ये चक्र युग-युग चलता रहेगा l

जो प्राणी गायेगा साईं तेरा नाम,उसको मुक्ति मिले पहुंचे परम धाम l

ये मंत्र जो प्राणी नित दिन गायेंगे,राहू , केतु , शनि निकट ना आयेंगे l

टाल जायेंगे संकट सारे,घर में वास करें सुख सारे l

जो श्रधा से करेगा पठन,उस पर देव सभी हो प्रस्सन l

रोग समूल नष्ट हो जायेंगे,कष्ट निवारण मंत्र जो गायेंगे l

चिंता हरेगा निवारण जाप,पल में दूर हो सब पाप l

जो ये पुस्तक नित दिन बांचे,श्री लक्ष्मीजी घर उसके सदा विराजे l

ज्ञान , बुधि प्राणी वो पायेगा,कष्ट निवारण मंत्र जो धयायेगा l

ये मंत्र भक्तों कमाल करेगा,आई जो अनहोनी तो टाल देगा l

भूत-प्रेत भी रहेंगे दूर ,इस मंत्र में साईं शक्ति भरपूर l

जपते रहे जो मंत्र अगर,जादू-टोना भी हो बेअसर l

इस मंत्र में सब गुण समाये,ना हो भरोसा तो आजमाए l

ये मंत्र साईं वचन ही जानो,सवयं अमल कर सत्य पहचानो l

संशय ना लाना विशवास जगाना,ये मंत्र सुखों का है खज़ाना l

इस पुस्तक में साईं का वास,जय साईं श्री साईं जय जय साईं l

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मंत्र का उच्चारण

साईं कष्ट निवारण मंत्र का उच्चारण ध्यान एवं श्रद्धा के साथ किया जाना चाहिए। यह मंत्र वाचक को ध्यान केंद्रित करके उसे संतुलन, शांति और आत्मिक सुरक्षा प्रदान करता है। मंत्र का उच्चारण करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स का पालन करें:

  1. स्थान चुनें: एक शांत और प्राकृतिक वातावरण में बैठें।
  2. मन की शुद्धि: अपने मन को शुद्ध करने के लिए ध्यान करें और आत्मिक स्थिति में प्रवेश करें।
  3. मंत्र का उच्चारण: “ॐ साईं कष्ट निवारणाय नमः” इस मंत्र को एकांत में धीरे से 108 बार उच्चारित करें।
  4. स्मरण: मंत्र का स्मरण करते समय साईं बाबा की आदर्श छवि को मन में धारण करें और उनसे कष्टों की राहत और सुख-शांति की प्रार्थना करें।

मंत्र का महत्व

साईं कष्ट निवारण मंत्र (sai kasht nivaran mantra) का महत्वपूर्ण स्थान हिंदू धर्म में है। इस मंत्र का जाप करने से दुःख, चिंता और बाधाओं का सामना करने वाले लोगों को आत्मिक तथा मानसिक संतुलन प्राप्त होता है। यह मंत्र श्रद्धालु को श्री साईं बाबा की कृपा और आशीर्वाद प्रदान करता है और उन्हें समस्याओं के समाधान के लिए शक्ति प्रदान करता है। साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप करने से साधक का मानसिक दबाव कम होता है और वह शांति और सुख का अनुभव करता है।

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साईं कष्ट निवारण मंत्र के लाभ

साईं कष्ट निवारण मंत्र के उच्चारण से निम्नलिखित लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं:

  • कष्टों का निवारण: साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के कष्ट और बाधाएं दूर हो सकती हैं। यह मंत्र व्यक्ति को उनके जीवन में आने वाले सभी संकटों और मुसीबतों से बचाता है।
  • मानसिक शांति: साईं कष्ट निवारण मंत्र के जाप से मन को शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। यह मंत्र व्यक्ति को मानसिक तनाव, चिंता और दुःख से मुक्त करके उसे शांतिपूर्ण और स्थिर मानसिक स्थिति में ले जाता है।
  • समस्याओं का समाधान: साईं कष्ट निवारण मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है। यह मंत्र उदारता और संवेदनशीलता को बढ़ाता है और व्यक्ति को समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक बुद्धि और समर्पण प्रदान करता है।
  • आध्यात्मिक प्रगति: साईं कष्ट निवारण मंत्र के जाप से व्यक्ति की आध्यात्मिक प्रगति होती है। यह मंत्र उन्हें आध्यात्मिक ज्ञान, सच्चिदानंद और आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति की ओर अग्रसर करता है।
  • सुख-शांति का अनुभव: साईं कष्ट निवारण मंत्र के जाप से व्यक्ति को सुख, शांति और आनंद का अनुभव होता है। यह मंत्र उन्हें आत्मिक तृप्ति, प्रेम और सहानुभूति की अनुभूति कराता है और उन्हें सफलता और खुशहाली की ओर अग्रसर करता है।

साईं कष्ट निवारण मंत्र का उपयोग

साईं कष्ट निवारण मंत्र का नियमित उच्चारण करने से व्यक्ति अपने जीवन में सभी कठिनाइयों का सामना कर सकता है और खुशहाल जीवन जी सकता है। इस मंत्र का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित तरीके अनुसरण करें:

  • नियमितता: साईं कष्ट निवारण मंत्र का नियमित जाप करें। आप प्रतिदिन सुबह और शाम मंत्र का 108 बार उच्चारण कर सकते हैं।
  • विश्राम: मंत्र का उच्चारण करने से पहले अपने मन को शांत करने के लिए थोड़ी देर विश्राम करें। यह आपको मंत्र के उच्चारण में अधिक लगाव देगा।
  • श्रद्धा: मंत्र का उच्चारण करते समय पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करें। विश्वास के साथ मंत्र का उच्चारण करने से आपके मन को आशा और आत्मविश्वास की प्राप्ति होगी।
  • ध्यान: मंत्र का उच्चारण करते समय अपने मन को एकाग्र करें और ध्यान केंद्रित करें। इससे मंत्र का उच्चारण अधिक प्रभावशाली होगा और आपको शांति और स्थिरता की अनुभूति होगी।

साईं कष्ट निवारण मंत्र का महत्वपूर्ण भूमिका

साईं कष्ट निवारण मंत्र हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मंत्र साईं बाबा के प्रतीक रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है और उन्हें उनके श्रद्धालुओं के संकटों को दूर करने और उन्हें शांति, सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद प्रदान करने का दावा करता है। इस मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति का मन शुद्ध होता है और वह अपने जीवन के कठिनाइयों से निपटने की क्षमता प्राप्त करता है। साईं कष्ट निवारण मंत्र का उच्चारण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और मानसिक संतुलन प्राप्त होता है और उसे अपने जीवन की दिक्कतों का समाधान करने की क्षमता मिलती है।

साईं कष्ट निवारण मंत्र के लाभ

साईं कष्ट निवारण मंत्र के नियमित उच्चारण से व्यक्ति को निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:

  1. कष्टों का निवारण: साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के कष्ट और बाधाएं दूर हो सकती हैं। यह मंत्र व्यक्ति को उनके जीवन में आने वाले सभी संकटों और मुसीबतों से बचाता है।
  2. मानसिक शांति: साईं कष्ट निवारण मंत्र के जाप से मन को शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। यह मंत्र व्यक्ति को मानसिक तनाव, चिंता और दुःख से मुक्त करके उसे शांतिपूर्ण और स्थिर मानसिक स्थिति में ले जाता है।
  3. समस्याओं का समाधान: साईं कष्ट निवारण मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है। यह मंत्र उदारता और संवेदनशीलता को बढ़ाता है और व्यक्ति को समस्याओं के समाधान के लिए आवश्यक बुद्धि और समर्पण प्रदान करता है।
  4. आध्यात्मिक प्रगति: साईं कष्ट निवारण मंत्र के उच्चारण से व्यक्ति की आध्यात्मिक प्रगति होती है। यह मंत्र उसे आत्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है और उसे अपने आंतरिक स्वरूप का अनुभव कराता है।

साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप कैसे करें

साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. स्थान: मंत्र का जाप करने के लिए एक शांत और पवित्र स्थान चुनें। आप एक पूजा कक्ष या अपने मंदिर में इसका जाप कर सकते हैं।
  2. माला: साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप करते समय माला का उपयोग करें। एक रुद्राक्षी माला या कंठी का उपयोग कर सकते हैं।
  3. आसन: एक सुखी और आरामदायक आसन पर बैठें। यह आपको मंत्र के उच्चारण में अधिक लगाव देगा।
  4. संकल्प: जाप करने से पहले अपने मन में संकल्प बनाएं। संकल्प हो सकता है, “मैं साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप कर रहा हूँ और इससे मेरी सभी समस्याओं का समाधान होगा।”
  5. उच्चारण: मंत्र का उच्चारण करें। साईं कष्ट निवारण मंत्र का उच्चारण करते समय ध्यान रखें कि आपका उच्चारण स्पष्ट और सही हो। ध्यान दें कि आप हर शब्द को सही ढंग से उच्चारण कर रहे हैं।
  6. नियमितता: साईं कष्ट निवारण मंत्र का नियमित जाप करें। इसे रोजाना एक निश्चित समय और स्थान पर करने से अधिक प्रभाव मिलेगा।

साईं कष्ट निवारण मंत्र के जाप की विधि

साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप करते समय निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. पूर्व आवाहन: मंदिर या पूजा स्थल को पवित्र और शुद्ध करें। पूजा सामग्री जैसे फूल, धूप, दीपक, आसन आदि को तैयार करें।
  2. संकल्प: आपके मन में संकल्प बनाएं कि आप साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप कर रहे हैं और इससे आपके सभी संकट और कष्ट दूर होंगे।
  3. ध्यान: मन को शांत करें और साईं बाबा की ध्यान में चलें। उनकी मूर्ति, चित्र या याद करें और उनकी कृपा का आभास करें।
  4. मंत्र का जाप: माला को अपने हाथ में लें और मंत्र के उच्चारण में आसक्त हों। साईं कष्ट निवारण मंत्र ‘ॐ श्री साईंचरणारविन्दाय नमः’ का जाप करें। एक माला पर 108 मंत्रों का जाप करें।
  5. पूर्णाहुति: मंत्र के जाप के बाद धूप, दीपक और पुष्प चढ़ाएं। साईं बाबा के समक्ष अपने मन की प्रार्थना करें और उनसे अपने सभी कष्टों का निवारण मांगें।
  6. अंतिम आवाहन: पूजा को समाप्त करें और साईं बाबा का आभार व्यक्त करें। मंदिर या पूजा स्थल को शुद्ध करें और ध्यान से गीता जी को स्थान पर रखें।

इस प्रकार, साईं कष्ट निवारण मंत्र का नियमित जाप करके आप अपने जीवन में आने वाले कष्टों को दूर कर सकते हैं और आध्यात्मिक तथा मानसिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।

साईं कष्ट निवारण मंत्र के प्रभाव को बढ़ाने के उपाय

साईं कष्ट निवारण मंत्र के प्रभाव को बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय करें:

  1. नियमितता: साईं कष्ट निवारण मंत्र का नियमित जाप करें। नियमित जाप से मंत्र का प्रभाव और शक्ति बढ़ती है।
  2. श्रद्धा और निष्ठा: मंत्र का जाप करते समय श्रद्धा और निष्ठा रखें। विश्वास के साथ मंत्र के प्रति आस्था व्यक्त करें।
  3. सेवा और दान: साईं बाबा की सेवा करें और दान करें। गरीबों और असहाय लोगों की मदद करें और उनके प्रति दया और करुणा का अनुभव करें।
  4. प्रार्थना और मेधा: नियमित रूप से साईं बाबा की प्रार्थना करें और उनसे आध्यात्मिक ज्ञान और मेधा का अनुभव करने की इच्छा रखें।
  5. पवित्रता: अपने मन और शरीर को पवित्र रखें। अशुद्धि, क्रोध, अहंकार और अन्य दोषों से दूर रहें और पवित्रता की रक्षा करें।

ये उपाय साईं कष्ट निवारण मंत्र के प्रभाव को बढ़ाने में मदद करेंगे और आपको आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से संतुष्टि प्रदान करेंगे।

साईं कष्ट निवारण मंत्र के लाभ

साईं कष्ट निवारण मंत्र के उच्चारण से निम्नलिखित लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं:

  1. कष्टों का निवारण: साईं कष्ट निवारण मंत्र का नियमित जाप करने से सभी प्रकार के कष्ट, संकट और चिंताएं दूर हो सकती हैं।
  2. मानसिक शांति: साईं बाबा के मंत्र के जाप से मानसिक तनाव, चिंता और अवसाद कम हो सकता है। मन को शांत और स्थिर बनाए रखने में मदद मिलती है।
  3. आध्यात्मिक प्रगति: साईं कष्ट निवारण मंत्र के उच्चारण से आध्यात्मिक उन्नति हो सकती है। यह मन को पवित्र करके आत्मा के साथ संवाद स्थापित कर सकता है।
  4. कर्मिक मुक्ति: साईं बाबा के मंत्र के जाप से कर्मिक बंधनों का निवारण हो सकता है। यह आपको मुक्ति की ओर ले जाने में सहायता कर सकता है।
  5. सुख और समृद्धि: साईं कष्ट निवारण मंत्र के जाप से सुख, समृद्धि और आराम की प्राप्ति हो सकती है। यह आपके जीवन में समृद्धि का संकेत कर सकता है।

साईं कष्ट निवारण मंत्र एक प्रभावी और शक्तिशाली मंत्र है जो आपके जीवन में सुख, शांति और आध्यात्मिकता का आभास करा सकता है। नियमित रूप से मंत्र का जाप करें और अपने मन, शरीर और आत्मा को पवित्र बनाए रखें। साईं बाबा की कृपा प्राप्त करने के लिए मंत्र का नियमित उच्चारण करें और उनके चरणों में अपनी प्रार्थना समर्पित करें। इस तरीके से, आप साईं के आशीर्वाद से गहरी समृद्धि, शांति और आनंद का अनुभव कर सकते हैं।

साईं कष्ट निवारण मंत्र क्या है?

साईं कष्ट निवारण मंत्र ‘ॐ श्री साईंचरणारविन्दाय नमः’ है। यह मंत्र भगवान साईं बाबा के नाम का जाप है और इसे कष्टों और संकटों से निजात प्राप्त करने के लिए उच्चारित किया जाता है।

साईं कष्ट निवारण मंत्र का उच्चारण कैसे किया जाता है?

साईं कष्ट निवारण मंत्र को नियमितता और श्रद्धा के साथ उच्चारित किया जाता है। आप इसे ध्यान देकर और आत्मसमर्पण के साथ जाप सकते हैं। एक आरामदायक स्थान पर बैठें, माला को लेकर और मंत्र को ध्यान से उच्चारण करें। यह मंत्र का जाप १०८ बार किया जाता है, जिसे आप एक माला पर पूरा कर सकते हैं।

साईं कष्ट निवारण मंत्र के कितने जाप करने चाहिए?

आपको साईं कष्ट निवारण मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए। एक माला पर १०८ मंत्रों का जाप करना अद्वितीय होगा। आप दैनिक आध्यात्मिक साधना के रूप में इसे समय निकालकर उच्चारित कर सकते हैं।

साईं कष्ट निवारण मंत्र के क्या लाभ हैं?

साईं कष्ट निवारण मंत्र के जाप से आप कष्टों और संकटों का निवारण कर सकते हैं। इसके साथ ही यह मन को शांति और सुख की प्राप्ति में मदद करता है। यह आपकी आध्यात्मिक उन्नति में भी मदद कर सकता है और आपको कर्मिक मुक्ति की ओर ले जाने में सहायता प्रदान कर सकता है।

साईं कष्ट निवारण मंत्र को नियमित रूप से जाप करने के फायदे क्या हैं?

साईं कष्ट निवारण मंत्र को नियमित रूप से जाप करने से आपको निम्नलिखित फायदे हो सकते हैं:

कष्टों और संकटों से मुक्ति
मानसिक शांति और चिंता का कम होना
आध्यात्मिक प्रगति
कर्मिक मुक्ति
सुख और समृद्धि की प्राप्ति

आपको ध्यान देना चाहिए कि साईं कष्ट निवारण मंत्र का जाप नियमितता और आस्था के साथ करना आवश्यक है। इसे नियमित रूप से जाप करके आप अपने जीवन को सुखमय, शांतिपूर्ण और आध्यात्मिक अनुभवों से पूर्ण कर सकते हैं।

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