बजरंग बाण (Bajrang Baan), हनुमान चालीसा के अतिरिक्त एक प्रमुख पाठ है जिसे हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। यह बाण भक्तों द्वारा भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना के दौरान पाठ किया जाता है। हनुमान जी के भक्तों ने बजरंग बाण पाठ को हनुमान बाण (Hanuman Baan) भी कहते हैं। इस लेख में, हम बजरंग बाण के विषय में विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे। हम यहां सम्पूर्ण बजरंग बाण के पाठ को मार्गदर्शन के रूप में पेश करेंगे, जिससे पाठकों को सुविधा होगी और उन्हें इस प्रमुख धार्मिक पाठ के महत्वपूर्ण पहलुओं का अवगत हो सकेगा। बजरंग बाण lyrics हिंदी भाषा में उपलब्ध किये हे। यह से आप बजरंग बाण लिरिक्स pdf फाइल download कर सकते हे।यदि आप बजरंग बाण का पीडीएफ डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आपको इस पोस्ट के माध्यम से यह सुविधा प्राप्त होगी। बजरंग बाण हनुमान जी की एक प्रसिद्ध मंत्रात्मक कविता है जो उनकी पूजा और भक्ति में बहुत लोकप्रिय है। इसके माध्यम से आप उचित रूप से पूजा कर सकते हैं और इसके गुणों का लाभ उठा सकते हैं। इस पीडीएफ को डाउनलोड करके, आप बजरंग बाण का पाठ करने के लिए आसानी से उपयोग कर सकते हैं।
सम्पूर्ण बजरंग बाण का पाठ
बजरंग बाण का पाठ करने से पहले, सबसे पहले आपको शुद्ध भाव में होना चाहिए। यदि आप हिन्दी भाषा को ठीक से समझते हैं तो आप बजरंग बाण को आसानी से समझ सकते हैं। नीचे दिए गए हैं बजरंग बाण के पाठ की प्रारंभिक पंक्तियाँ:
” दोहा “
“निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।”
“तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥”
“चौपाई”
जय हनुमन्त सन्त हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी।।
जन के काज विलम्ब न कीजै। आतुर दौरि महासुख दीजै।।
जैसे कूदि सिन्धु महि पारा। सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।
आगे जाई लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका।।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा।।
बाग़ उजारि सिन्धु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा।।
अक्षयकुमार को मारि संहारा। लूम लपेट लंक को जारा।।
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर में भई।।
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी। कृपा करहु उर अन्तर्यामी।।
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता। आतुर होय दुख हरहु निपाता।।
जै गिरिधर जै जै सुखसागर। सुर समूह समरथ भटनागर।।
ॐ हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहिंं मारु बज्र की कीले।।
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो।।
ऊँकार हुंकार प्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो।।
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा।।
सत्य होहु हरि शपथ पाय के। रामदूत धरु मारु जाय के।।
जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा।।
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत हौं दास तुम्हारा।।
वन उपवन, मग गिरिगृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।
पांय परों कर ज़ोरि मनावौं। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।
जय अंजनिकुमार बलवन्ता। शंकरसुवन वीर हनुमन्ता।।
बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक।।
भूत प्रेत पिशाच निशाचर। अग्नि बेताल काल मारी मर।।
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की।।
जनकसुता हरिदास कहावौ। ताकी शपथ विलम्ब न लावो।।
जय जय जय धुनि होत अकाशा। सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा।।
चरण शरण कर ज़ोरि मनावौ। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।
उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई। पांय परों कर ज़ोरि मनाई।।
ॐ चं चं चं चं चपत चलंता। ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता।।
ऊँ हँ हँ हांक देत कपि चंचल। ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल।।
अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो।।
यह बजरंग बाण जेहि मारै। ताहि कहो फिर कौन उबारै।।
पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमत रक्षा करै प्राण की।।
यह बजरंग बाण जो जापै। ताते भूत प्रेत सब काँपै।।
धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहै कलेशा।।
“दोहा”
” प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान। “
” तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान।। “
बजरंग बाण के पाठ के बाद, आपको अपनी मनोकामनाएं व्यक्त करनी चाहिए और हनुमान जी से कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करनी चाहिए। यह पाठ समाप्त करने के बाद, आपको ध्यान धारण करना चाहिए और हनुमान जी की आराधना जारी रखनी चाहिए।
हनुमान जी के इस पोस्ट को भी पढ़िए: हनुमान चालीसा
बजरंग बाण का महत्व
बजरंग बाण का पाठ हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का एक अच्छा तरीका माना जाता है। यह पाठ उन लोगों द्वारा प्रेम और श्रद्धा के साथ किया जाता है जो हनुमान चालीसा के अतिरिक्त उनकी अधिक उपासना करना चाहते हैं। बजरंग बाण का पाठ करने से मान्यता है कि हनुमान जी अपने भक्तों की समस्याओं को दूर करते हैं और उन्हें शक्ति और सुखदाई जीवन प्रदान करते हैं।
बजरंग बाण के महत्वपूर्ण पद
बजरंग बाण में कई महत्वपूर्ण पद हैं जो भक्तों के जीवन में आराम और खुशी लाते हैं। यहां हम कुछ महत्वपूर्ण पदों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे:
पद 1: जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
यह पद बजरंग बाण का प्रारंभिक पद है और इससे हनुमान जी की महिमा और गुणगान का प्रस्तावना किया जाता है। यह पद हमें हनुमान जी की शक्ति और वीरता के बारे में संज्ञान प्रदान करता है। हनुमान जी को “ज्ञान गुन सागर” कहना उनके अनंत ज्ञान की प्रशंसा करने के लिए होता है।
पद 2: जय कपीस तिहुँ लोक उजागर
इस पद में हम हनुमान जी के कपीस रूप की प्रशंसा करते हैं, जिसे तिहुँ लोक (त्रिलोक) में उजागर (प्रकाशित) माना जाता है। हनुमान जी को “कपीस” कहा जाता है क्योंकि वे वानर सेना के अग्रदूत थे और उनकी वीरता और साहस के लिए प्रसिद्ध थे। यह पद हमें हनुमान जी के प्रताप और महिमा के बारे में बताता है।
बजरंग बाण के फायदे
बजरंग बाण का पाठ करने के कई लाभ हैं जो निम्नलिखित हैं:
- संकट निवारण: बजरंग बाण के पाठ से भक्तों के संकटों और बाधाओं का निवारण होता है। हनुमान जी की कृपा से उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और वे आराम से अपने जीवन को बिता सकते हैं।
- रोगनिवारण: बजरंग बाण का पाठ करने से रोगों का निवारण होता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। हनुमान जी की कृपा से शरीर में बीमारियों का संकटमोचन होता है और व्यक्ति स्वस्थ रहता है।
- मनोशांति: बजरंग बाण का पाठ करने से मन की शांति मिलती है और मनोवृत्तियों को स्थिर रखने में मदद मिलती है। हनुमान जी की कृपा से मन की अशांति और चिंताओं का निवारण होता है और व्यक्ति चिंतामुक्त रहता है।
- कल्याणकारी आकर्षण: बजरंग बाण के पाठ से हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति में सकारात्मकता और स्वाभिमान की भावना पैदा होती है। इसके परिणामस्वरूप, व्यक्ति में कल्याणकारी आकर्षण आता है और उन्हें सम्मान और सफलता प्राप्त होती है।
सम्पूर्ण बजरंग बाण का पाठ करने की विधि
बजरंग बाण का पाठ करने की सरल विधि निम्नलिखित है:
- प्रात: काल जल्दी उठें और स्नान करें। शुद्ध और पवित्र मन से बजरंग बाण का पाठ करने के लिए तैयार हों।
- एक सुखद और न्यारा स्थान चुनें जहां आप बजरंग बाण का पाठ कर सकें। एक पूजा स्थान बनाएं और वहां परम पूज्य हनुमान जी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और प्राणायाम करें। अपनी सांसें धीरे-धीरे लें और मन को शांत करें।
- बजरंग बाण की पाठशाला का आरम्भ करें। पहले दोहा पढ़ें और फिर प्रत्येक पद को ध्यानपूर्वक पढ़ें। अपने मन में भक्ति और समर्पण के साथ पठें।
- पाठ के अंत में हनुमान जी से अपनी मनोकामनाएं मांगें और उनसे कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करें।
- बजरंग बाण के पाठ के बाद ध्यान में रहें और हनुमान जी की पूजा और आराधना जारी रखें।
इस प्रकार, सम्पूर्ण बजरंग बाण का पाठ करने के द्वारा आप हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और अपने जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और समृद्धि की प्राप्ति कर सकते हैं।
सम्पूर्ण बजरंग बाण PDF Download
यह हम बजरंग बाण पाठ लिखित में pdf file के माध्यम से download करने की सुविधा उपलब्ध किये हे। आप इस फाइल को अपने कंप्यूटर और मोबाइल पे डाउनलोड करके जब चाहे जब Bajrang Baan पाठ को अपने मन में मनन कर सकते हे।
File Name | सम्पूर्ण बजरंग बाण PDF Download |
File Type | |
File Size | 2.9MB |
बजरंग बाण पीडीऍफ़ गीता प्रेस PDF Download
“बजरंग बाण पीडीऍफ़ गीता प्रेस” एक प्रमुख संस्थान है जो बजरंग बाण के पीडीऍफ़ संस्करण को प्रदान करती है। यह संस्था लोगों को बजरंग बाण के पाठ को डाउनलोड करने और पठने की सुविधा प्रदान करती है, जिससे उन्हें हनुमान जी की पूजा और भक्ति करने का अवसर मिलता है। इस प्रेस के माध्यम से लोग बजरंग बाण के महत्वपूर्ण श्लोकों को पठ सकते हैं और इसके आध्यात्मिक महत्व का अनुभव कर सकते हैं।
बजरंग बाण पीडीऍफ़ गीता प्रेस ने इस साधारण कविता को पीडीऍफ़ फॉर्मेट में प्रकाशित किया है, जो कि आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। इस प्रकार, लोग इंटरनेट के माध्यम से बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं और उसके शक्तिशाली मंत्रों का आनंद उठा सकते हैं। यह पीडीऍफ़ विभिन्न प्रारूपों में उपलब्ध होता है, जैसे कि संपूर्ण बजरंग बाण, बजरंग बाण के अद्भुत प्रयोग, और अन्य संबंधित साहित्यिक टिप्पणियाँ और विवरण।
बजरंग बाण पीडीऍफ़ के लाभ
- यह पीडीऍफ़ आपको बजरंग बाण का पूरा पाठ प्रदान करता है, जिससे आप इसे कहीं भी और कभी भी पढ़ सकते हैं।
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सम्पूर्ण बजरंग बाण Image


समाप्ति
बजरंग बाण एक महत्वपूर्ण हिंदी पाठ है जो हनुमान जी की महिमा, शक्ति और आशीर्वाद का प्रतीक है। इस पाठ का पाठ करने से भक्तों को आराम, सुख, समृद्धि और संकटों का निवारण मिलता है। इसके अलावा, बजरंग बाण के पाठ से आत्मिक उन्नति और मनोवैज्ञानिक शांति होती है। यह पाठ भक्तों के जीवन में पौराणिक और आध्यात्मिक दृष्टि को मजबूत करता है।
बजरंग बाण का पाठ नियमित रूप से करने से व्यक्ति को हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है और उनके द्वारा संरक्षण प्राप्त होता है। यह पाठ सदा सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति के लिए एक मार्गदर्शक होता है। हमेशा अपने मन और आत्मा को पवित्र रखें और हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद का लाभ उठाएं।
यदि हम नियमित रूप से बजरंग बाण का पाठ करते हैं और अपने मन और आत्मा को पवित्र रखते हैं, तो हमें शक्ति, सुख, समृद्धि और समाधान की प्राप्ति होगी। हमेशा याद रखें कि हनुमान जी हमारे परम मित्र हैं और हमेशा हमारे साथ हैं। उनके आशीर्वाद से हम सभी संकटों को पार कर सकते हैं और खुशहाल और समृद्ध जीवन जी सकते हैं।
बजरंग बाण का पाठ करके हम अपने जीवन को धार्मिक, आध्यात्मिक और सद्गुणी बना सकते हैं। हमें अपने आप को नियंत्रित करने की क्षमता प्राप्त होती है और हम अपने कर्तव्यों का पालन करने में सक्षम होते हैं। इस प्रकार, बजरंग बाण हमारे जीवन को शांत, समृद्ध और सफल बनाने में सहायक हो सकता है।
आज ही अपने जीवन में बजरंग बाण के पाठ को शामिल करें और हनुमान जी की कृपा प्राप्त करें। यह आपके जीवन को सफलता, सुख, और शांति से परिपूर्ण बना सकता है। हनुमान जी हमेशा आपके साथ हैं और आपकी समस्याओं का समाधान करने के लिए आपको सदैव मदद करेंगे।
जय हनुमान!