शिव चालीसा एक महत्वपूर्ण हिंदू धार्मिक ग्रंथ है जो शिव की स्तुति और महिमा का प्रतीक है। यह ग्रन्थ हिंदी भाषा में लिखा गया है और शिव भक्तों द्वारा शिव चालीसा का विशेष श्रद्धा के साथ पाठ किया जाता है। शिव चालीसा का पाठ विशेष रूप से शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के अवसर पर किया जाता है, जिसमें वार्षिक उपवास, पूजा और अन्य धार्मिक आयोजन शामिल होते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम शिव चालीसा लिरिक्स हिंदी में उपलब्ध किये हे। उसके सात हम शिव चालीसा लिरिक्स pdf माध्यम से download करने की सुविधा किये हे। आईये अब हम शिव चालीसा पाठ को पड़ेंगे।
शिव चालीसा लिरिक्स हिंदी में
(Shiv chalisa lyrics hindi mein)
।।दोहा।।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करौं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
॥दोहा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
तुम मेरी मनोकामना, पूर्ण करो जगदीश॥
मगसर छठि हेमन्त ॠतु, संवत चौसठ जान।
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
इस चालीसा को भी पढ़िए: हनुमान चालीसा
शिव चालीसा लिरिक्स पीडीऍफ़ डाउनलोड यह से कीजिए
शिव चालीसा लिरिक्स पीडीऍफ़ डाउनलोडशिव चालीसा के लिरिक्स पीडीऍफ़ फ़ाइल को डाउनलोड करने के लिए एक सुविधा प्रदान की गई है। यह आपको आसानी से चालीसा के पाठ के दौरान शब्दों को देखने और पढ़ने की अनुमति देता है। इस पीडीऍफ़ फ़ाइल में शिव चालीसा के सभी श्लोक, मंत्र और पंक्तियों का संकलन होता है। यह आपको चालीसा का पाठ करते समय सुविधा प्रदान करता है ताकि आप उनको सही रूप से पढ़ सकें और अपने मन में उनके अर्थ को समझ सकें। आप इस पीडीऍफ़ फ़ाइल को आसानी से डाउनलोड करके अपने स्मार्टफ़ोन, कंप्यूटर या टैबलेट पर संग्रहीत कर सकते हैं और जब भी आप चाहें, उनके पाठ कर सकते हैं। इस प्रकार, आपको चालीसा का पाठ करते समय सुविधा, स्मृति और अनुभव मिलेगा जो आपकी भक्ति और साधना को और भी गहराएगा।
शिव चालीसा Image


शिव चालीसा: भगवान शिव की स्तुति का उदाहरण
शिव चालीसा में चालीस दोहे होते हैं, ये दोहे भगवान शिव की पूजा और स्तुति करते हैं। शिव भक्ति में इस ग्रन्थ का विशेष महत्व है, क्योंकि इसे पढ़ने से व्यक्ति के मन में भगवान शिव के प्रति भक्ति और श्रद्धा की शक्ति जाग्रत होती है।
शिव चालीसा भक्ति और आस्था का प्रतीक है, जो शिव के गुणों, लीलाओं और कृपा की प्रशंसा करता है। यह पाठ शिव भक्तों को आत्मीयता का बोध कराता है और उन्हें देवत्व का बोध कराता है। इसके माध्यम से प्रार्थना की जाती है कि भगवान शिव की कृपा, सुख, समृद्धि और मोक्ष प्राप्त हो।
शिव चालीसा के पाठ में शिव के विभिन्न नामों और उनकी शक्तियों की महिमा का वर्णन है। यह भक्तों को शिवभक्ति और भक्ति के फल के बारे में ज्ञान देता है। शिव चालीसा का जाप करने से व्यक्ति को अपनी मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक प्रगति प्राप्त करने के लिए शिव की कृपा प्राप्त होती है।
यूं तो शिव चालीसा भगवान शिव की भक्ति और भक्ति की एक महत्वपूर्ण अभिव्यक्ति है। इसे पढ़ने से भगवान शिव की संगति का अनुभव होता है और भक्त को ध्यान, शांति और सुख की प्राप्ति होती है। शिव चालीसा भक्ति की गहरी भावना का स्रोत बन जाती है और शिव की भक्ति के माध्यम से जीवन का मार्गदर्शन करती है।
इस लेख में शिव चालीसा का महत्व और इसके जाप से होने वाले लाभ के बारे में बताया गया है। इससे व्यक्ति को शिव भक्ति का महत्व समझाया जाता है और वह इस पाठ को नियमित रूप से करने के लिए प्रेरित होता है। शिव चालीसा की शक्ति को समझने के बाद, प्रार्थना की महिमा और इसके जप, भक्ति और शिव में आस्था के लाभों को स्थायी बनाया जा सकता है।
शिव चालीसा पढ़ने के फायदे और नियम
शिव चालीसा का पाठ करने से हमें कई फायदे मिलते हैं और इसके पाठ करने के नियम भी होते हैं। यहां हिन्दी में उनका विवरण दिया गया है:
शिव चालीसा के फायदे:
- शिव चालीसा के पाठ से हमारे मन में शांति और शक्ति की भावना उत्पन्न होती है।
- इसके पाठ से हमारे मन में शिव भक्ति और निरंतर चिंतन की भावना बनी रहती है।
- यह चालीसा हमें शिवजी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में सहायता करती है।
- इसके पाठ से हमारे शरीर और मन की ऊर्जा बढ़ती है और हमें ताकत मिलती है।
- यह चालीसा हमें अंतरंग शांति और सुख का अनुभव करने में मदद करती है।
- इसके पाठ से हमारे जीवन में सद्भावना, क्षमा और धैर्य का विकास होता है।
- यह चालीसा हमें शिवजी के गुणों को समझने और उन्हें अपने जीवन में अपनाने में मदद करती है।
शिव चालीसा के नियम:
- शिव चालीसा का पाठ स्नान के बाद किया जाता है।
- चालीसा का पाठ करने से पहले अपने मन में शिवजी के प्रति श्रद्धा और भक्ति की भावना रखें।
- पूर्ण भाव से चालीसा का पाठ करें और मन में उनकी कृपा का अनुभव करें।
- यदि संभव हो तो चालीसा का नियमित रूप से पाठ करें, दैनिक या साप्ताहिक आदर्श हो सकते हैं।
- चालीसा का पाठ करते समय अपने ध्यान को समर्पित करें और दूसरे कामों में मन को न भटकने दें।
- चालीसा का पाठ करते समय आवास्यकता के अनुसार शिवलिंग का दर्शन और जल अर्पण करें।
- चालीसा के पाठ के बाद अपने मन में शांति और प्रसन्नता की भावना रखें।
ये फायदे और नियम शिव चालीसा के पाठ करने में सहायता करेंगे और आपको शिवजी के समीप और उनके आशीर्वाद में ले जाएंगे। ध्यान रखें कि भक्ति और श्रद्धा के साथ चालीसा का पाठ करने से यह फल अधिकारिक रूप से प्राप्त होगा।
निष्कर्ष
शिव चालीसा का पाठ करने से हमें अनेक लाभ मिलते हैं। शिव चालीसा के पाठ से हमारे मन में शांति, शक्ति, भक्ति और निरंतर चिंतन की भावना उत्पन्न होती है। इसके अलावा, यह चालीसा हमें शिवजी की कृपा, आशीर्वाद, ऊर्जा, अंतरंग शांति और सुख प्रदान करती है। इसके द्वारा हमारे जीवन में सद्भावना, क्षमा, धैर्य और शिवजी के गुणों को समझने और उन्हें अपनाने की प्रेरणा मिलती है। शिव चालीसा का पाठ स्नान के बाद किया जाता है और नियमित रूप से करने की सलाह दी जाती है। चालीसा का पाठ करते समय श्रद्धा और ध्यान के साथ पूर्ण भाव से करना चाहिए। चालीसा के पाठ के बाद शिवलिंग का दर्शन और जल अर्पण करना उचित है। इस प्रकार, शिव चालीसा के पाठ से हम अपने मन, शरीर और आत्मा को प्रकाशित कर सकते हैं और शिवजी के अनुग्रह में आनंद और शांति का अनुभव कर सकते हैं।