श्री रामचंद्रजी को भारतीय संस्कृति और धार्मिक विरासत में एक देवता के रूप में माना जाता है, और उनकी महिमा का जाप किया जाता है। श्री राम स्तुति एक हिंदू भक्ति कविता है जो भगवान श्रीरामचंद्रजी की महिमा, गुणों और अद्भुत उपलब्धियों पर प्रकाश डालती है। उनके अनुयायी उनकी यह स्तुति करते हैं, और इसे दोहराने, गाने और सुनने से भक्ति और आध्यात्मिक उन्नति होती है। श्री राम स्तुति एक पुरानी भक्ति काव्य है जिसमें भगवान श्रीरामचन्द्रजी के तेज, शक्तियों और विशेषताओं का वर्णन है। यह तुलसीदास के रामचरितमानस और वाल्मीकि रामायण में भी पाया जा सकता है। श्री राम स्तुति का जप, पाठ, गायन और श्रवण करने से व्यक्ति का मन शांत होता है और उसे आत्मिक संतुष्टि का अनुभव होता है। श्री राम स्तुति का पाठ करने से भक्ति के मार्ग पर आवश्यक लाभ और उन्नति भी होती है। श्री राम स्तुति लिरिक्स हिंदी में (Shri Ram Stuti Lyrics In Hindi) इस पोस्ट के माध्यम से आपके साथ शेयर किये हे। इसको पड़के हम श्री राम स्तुति के बारे में विस्तार रूप से जानेंगे।
Shri Ram Stuti Lyrics In Hindi Video
श्री राम स्तुति लिरिक्स हिंदी में
श्री राम स्तुति लिरिक्स हिंदी में यह से पढ़िए |
श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमन हरण भवभय दारुणं । नव कंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छवि नव नील नीरद सुन्दरं । पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचि नोमि जनक सुतावरं ॥२॥ भजु दीनबन्धु दिनेश दानव दैत्य वंश निकन्दनं । रघुनन्द आनन्द कन्द कोशल चन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥ शिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अङ्ग विभूषणं । आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं ॥४॥ इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनं । मम् हृदय कंज निवास कुरु कामादि खलदल गंजनं ॥५॥ मन जाहि राच्यो मिलहि सो वर सहज सुन्दर सांवरो । करुणा निधान सुजान शील स्नेह जानत रावरो ॥६॥ एहि भांति गौरी असीस सुन सिय सहित हिय हरषित अली। तुलसी भवानिहि पूजी पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली ॥७॥ ॥सोरठा॥ जानी गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि । मंजुल मंगल मूल वाम अङ्ग फरकन लगे। |
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श्री राम स्तुति के महत्वपूर्ण प्रकार
श्री राम स्तुति कई प्रकार की होती है, जो निम्नलिखित हैं:
- आरती
श्री रामचंद्रजी की आरती को पढ़ने और गाने से भक्तों का मन उनके चरणों में लगता है और ध्यान केंद्रित हो जाता है। आरती में भक्त भगवान के गुणों की प्रशंसा करते हैं और उनसे कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना करते हैं। - मंत्र
श्री राम स्तुति मंत्रों का भी महत्वपूर्ण अंग है। इन मंत्रों का जाप करने से मन को शांति मिलती है और व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। कुछ प्रसिद्ध मंत्रों में “ॐ श्री रामाय नमः” और “श्री राम जय राम जय जय राम” शामिल हैं। - स्तोत्र
श्री राम स्तुति में स्तोत्रों का महत्वपूर्ण स्थान है। ये स्तोत्र भगवान श्रीरामचंद्रजी की महिमा, गुणों और लीलाओं की प्रशंसा करते हैं। इनमें कुछ प्रसिद्ध स्तोत्र शामिल हैं – “राम चरित मानस”, “श्री रामाष्टकम” और “राम रक्षा स्तोत्र”। ये स्तोत्र भक्तों के बीच प्रसिद्ध हैं और उन्हें आध्यात्मिक एवं मानसिक शांति प्रदान करते हैं। - कीर्तन
श्री राम स्तुति का अन्य महत्वपूर्ण आयाम कीर्तन है। भगवान श्रीरामचंद्रजी के नाम का जाप और उनकी कीर्तन से भक्तों का मन शुद्ध होता है और उन्हें आनंद की अनुभूति होती है। कीर्तन के दौरान भक्त भगवान की भक्ति और प्रेम को व्यक्त करते हैं।
श्री राम स्तुति के लाभ
श्री राम स्तुति का पाठ करने के कई लाभ हैं। यह सत्य, शांति, समृद्धि और प्रेम के साथ जुड़ा हुआ है। इसके द्वारा हम श्री राम की प्रशंसा करते हैं और उनकी दिव्यता, धैर्य और गुणों को याद करते हैं। इसके अलावा, श्री राम स्तुति का पाठ करने के कुछ महत्वपूर्ण लाभ निम्नलिखित हैं:
- मानसिक शांति
श्री राम स्तुति के पाठ करने से मन शांत होता है और मन की चंचलता कम हो जाती है। यह मनोविज्ञानिक रूप से साबित हो चुका है कि भगवान के नाम का जाप और सुनना मन को स्थिर करता है और चिंताओं को दूर करता है। - आध्यात्मिक उन्नति
श्री राम स्तुति के पाठ करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है। इसके माध्यम से व्यक्ति भगवान के गुणों और दिव्यता को अनुभव करता है और अपने जीवन को धार्मिक मूल्यों के अनुसार जीने की प्रेरणा प्राप्त करता है। - भक्ति की प्रगटी
श्री राम स्तुति के पाठन, गायन और सुनने से भक्ति की प्रगटी होती है। इससे भक्तों का आंतरिक जीवन मधुर और उनकी प्रेम भावना स्थायी होती है। भक्ति के रास्ते में उन्नति होती है और वे भगवान के साथ अधिक संयोग स्थापित करते हैं। - आरोग्य और सुख
श्री राम स्तुति के पाठ करने से शारीरिक और मानसिक आरोग्य में सुधार होता है। यह तनाव को कम करता है और शांति और सुख की अनुभूति प्रदान करता है। श्रीरामचंद्रजी के नाम का जाप करने से रोगों का नाश होता है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है। - कर्मयोग का मार्ग
श्री राम स्तुति के माध्यम से भगवान के गुणों की प्रशंसा करते हुए, व्यक्ति को कर्मयोग का मार्ग प्राप्त होता है। यह कर्म को अवधारणीयता, समर्पण और उच्चतम उद्देश्य के साथ करने की प्रेरणा देता है। इसके माध्यम से व्यक्ति कर्मों को निःस्वार्थ भाव से करता है और उत्कृष्टता की ओर प्रगट होता है।
श्री राम स्तुति के प्रमुख स्रोत
श्री राम स्तुति का महत्वपूर्ण स्रोत है वाल्मीकि रामायण, जिसमें भगवान श्रीरामचंद्रजी की पूरी कथा, महिमा, गुणों का विस्तृत वर्णन किया गया है। इसके अलावा, तुलसीदास कृत रामचरितमानस भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है जिसमें भगवान की भक्ति के माध्यम से मानवीय भावनाएं और आध्यात्मिक संदेश प्रस्तुत किए गए हैं। इन ग्रंथों में श्री राम स्तुति के अलावा भगवान की लीलाएं, उनके गुण, मार्गदर्शन और महत्वपूर्ण उपदेशों का वर्णन भी किया गया है।
निष्कर्ष
श्री राम स्तुति हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण धार्मिक काव्य है जो भगवान श्रीरामचंद्रजी की महिमा, गुणों और अद्भुत कर्मों का वर्णन करता है। इसे वाल्मीकि रामायण और तुलसीदास कृत रामचरितमानस में प्राप्त किया जा सकता है। यह श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिकता के साथ व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रदान करता है। इसके पाठ, पाठन, गायन और सुनने से व्यक्ति को मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति, भक्ति की प्रगटी, आरोग्य और सुख की प्राप्ति और कर्मयोग का मार्ग प्राप्त होता है। श्री राम स्तुति की अद्वितीय महिमा को समझने के लिए हमें इसे नियमित रूप से पाठन और अपने जीवन में इसकी महत्वपूर्णता को स्थापित करना चाहिए। श्री राम स्तुति हमें धार्मिकता, सद्गुण, प्रेम और समर्पण के मूल्यों का आदर्श दिखाती है और हमें सद्गति और आत्मसंयम के साथ जीने के लिए प्रेरित करती है। इसलिए, हमें श्री राम स्तुति का पाठ करते हुए भगवान श्रीरामचंद्रजी की कृपा, आशीर्वाद और आध्यात्मिक आनंद को प्राप्त करना चाहिए।